Karma bai biography in hindi

कर्माबाई

भक्त माता कर्मा (1070 ), प्रसिद्ध भक्तशिरोमणि, सन् 1070 में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में तेल के प्रसिद्ध व्यापारी श्री राम साहू के घर में जन्म हुआ था ।[1] भक्तशिरोमणि कर्माबाई ने कृष्ण भगवान को कई बार साक्षात अपने सामने बैठाकर खिचड़ा खिलाया। इन्हे मीरा के नाम से भी जाना जाता है मां कर्मा बाई दो बहन थी कर्मा और धर्मा। कर्मा बाई से साहू समाज का वंश चला और धर्मा बाई से राठौर समाज का वंश चला {साहू राठौर दोनो तेली समाज के सरनेम है}

छत्तीसगढ़ में निवासरत समस्त प्रकार के तेली,साहू, राठौर, साव, का कुल देवी माँ भक्त कर्मा को माना जाता है।

मुख्य भजन

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मारवाड़ में यह गीत गाया जाता है:[2]

थाळी भरकर ल्याई रै खीचड़ो, ऊपर घी की घ़ैल की,

जिमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै कर्मा बेटी जाट की।

माता-पिता म्हारा तीर्थ गया, नै जाणै कद बै आवैला,

जिमो म्हारा श्याम धणी, थानै जिमावै कर्मा बेटी जाट की।

राजस्थान के शेखावाटी, नागौर, बीकानेर, जोधपुर और कई स्थानों पर एक भजन बहुत मशहूर है- थाळी भरके ल्याई रे खीचड़ो, ऊपर घी की बाटकी। जीमो म्हारा श्याम धणी, Karmabai - Wikipedia NIWE